गंगा में कचरा फैलाने पर होगी 5 साल की जेल और 50 करोड़ जुर्माना, मोदी सरकार ला रही कानून

सोमवार से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार गंगा की साफ-सफाई बनाए रखने के लिए बिल पेश करने वाली है. इसके तहत गंगा में प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का प्रावधान रखा गया है.

New Delhi : नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद का दावेदार घोषित होते ही चुनाव लड़ने के लिए बनारस को चुना था और कहा था कि मां गंगे ने उन्हें बुलाया है. उनका नारा गंगा के स्वच्छता अभियान से जुड़ा था. यह अलग बात है कि करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद गंगा को स्वच्छ बनाने का काम लक्ष्य प्राप्ति से कोसों दूर है. ऐसे में गंगा में प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ अब मोदी सरकार सख्त कार्रवाई की तैयारी कर रही है. सोमवार से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार गंगा की साफ-सफाई बनाए रखने के लिए बिल पेश करने वाली है. इसके तहत गंगा में प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का प्रावधान रखा गया है. खबर है कि अब ऐसा करने वालों को 5 साल की जेल तथा 50 करोड़ रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है.

बिल का मसौदा तैयार
जलशक्ति मंत्रालय ने बिल का मसौदा तैयार कर लिया है और इसे कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेज दिया गया है. इस बिल में 13 खंड हैं. इसमें गैरकानूनी निर्माण कार्य, पानी के बहाव को रोकना, गंगा में गंदगी जैसे कई प्रावधान शामिल हैं. इस बिल में कहा गया है कि अगर कोई बिना अनुमति गंगा की धारा के बहाव में रुकावट पैदा करता है, तो उस पर ज़्यादा से ज़्यादा 50 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. इसी तरह अगर कोई गंगा के तट पर रहने के लिए घर या बिजनेस के लिए कोई निर्माण करता है तो उसे पांच साल तक की जेल की सजा हो सकती है.
गंगा काउंसिल भी बनेगी

केंद्र सरकार गंगा को बचाने के लिए एक खास पुलिस फोर्स भी तैयार करेगी. इसके अलावा प्रधानमंत्री की देख रेख में नेशनल गंगा काउंसिल भी बनाया जाएगा. पीएम के अलावा इस काउंसिल में उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और झारखंड के मुख्यमंत्री भी होंगे. इस बाबत जो खबरें छन कर आ रही है, उससे यही लगता है कि मोदी सरकार 2024 चुनाव से पहले हर हाल में गंगा को स्वच्छ बनाने का लक्ष्य हासिल करना चाहते हैं.

  • रिपोर्ट- यूपीपीसीएल मीडिया डेस्क

    हम सब जानते है कि मीडिया संविधान का चौथा स्तंभ के रूप में कार्य करती है। इसके साथ ही हमारा मानना है कि पत्रकार एक विपक्ष का का कार्य करती है। यूपीसीएल मीडिया नामक व्हाट्सप्प ग्रुप की शुरूवात ऊर्जा क्षेत्र के लिए समाचार संकलन का कार्य कर रहे कुछ पत्रकार, जिसमें प्रमुख रूप से अविजित आन्नद, वेद प्रकाश, रवि शर्मा व आकिब शामिल रहे, ने शक्ति भवन, लखनऊ परिसर में किया, उस समय किसी भी प्रकार को यह अंदाजा नहीं था, कि कुछ ही समय में यूपीसीएल मीडिया व्हाट्सप्प गु्रप विभाग में इतना लोक प्रिय हो जायेगा। यूपीसीएल मीडिया व्हाट्सप्प ग्रुप का विभाग में लोकप्रियता को देखते हुए आज यूपीसीएल मीडिया एक व्हाट्सप्प ग्रुप से एक कदम आगे वढ़ाते हुए समाचार क्षेत्र में भी कार्य करना प्रारम्भ किया। यूपीसीएल मीडिया ऊर्जा क्षेत्र में अपनी जिम्मेदारियों या कर्त्तव्यों को देखते हुए प्रिंट/वेब संस्करण के रूप में कार्य प्रारम्भ की है। यूपीसीएल मीडिया में हम यही करने की कोशिश कर रहे है और बिना आप सभी के सहयोग के यह संभव नहीं है। अतः मैं गुजारिश करूंगा कि बिजली उपभोक्ता एवं ऊर्जा क्षेत्र के अधिकारीयों के बीच बेहतर सामंजस्य के लिए हमारे साथ शामिल हो। आप सभी को मेरी शुभकामनाएँ !!

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