मध्यांचल मुख्यालय द्वारा समस्त निविदा संविदा/विभागीय कार्मिकों के लिए दैनिक उपस्थिति कड़ाई से लागू करने की बात करते हुए विभागीय सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन जारी कर दिया गया है, इसको डाउनलोड करने के पश्चात सभी विभागीय कर्मियों एवं निविदा संविदा कर्मियों को प्रतिदिन की उपस्थिति आने और जाने की इसी एप्प पर पंच करना अनिवार्य होगा। उपस्थिति के लिए मोबाइल पर डाउनलोड करके अपनी सैप आई0डी0/यूएनए नम्बर एवं पासवर्ड -123 डालकर ओपेन करना होगा।
बिजली विभाग का मानना है कि इस एप्प से ड्यूटी से गायब रहने वाले कर्मचारियों पर लगाम लगेगी। मध्यांचल डिस्कॉम में तैनात स्थायी, संविदा, आउटसोर्स और सुरक्षा कर्मियों की हाजिरी दर्ज करने के लिए नई व्यवस्था लागू की है। इसका उद्देश्य हाजिरी लगाकर कार्य स्थल छोड़कर ड्यूटी से गायब रहने वाले कर्मचारियों पर लगाम लगाना है। नई व्यवस्था में फेशियल अटेंडेंस एप्प के माध्यम से अधिकारी-कर्मचारियों की हाजिरी लगाई जाएगी। इसके लिए अधिकारी-कर्मचारियों का डेटा व फोटो एप पर अपलोड कर कर्मचारियों के एंडरॉयड मोबाइल फोन में एप डाउनलोड करा दी गई है। जिन कर्मचारियों के पास एंडरॉयड मोबाइल फोन नहीं हैं, उन्हें इसकी व्यवस्था करने को कहा गया है। कर्मचारियों की सटीक लोकेशन ट्रैक करने के लिए उनके ड्यूटी स्थल की जियो टैगिंग भी करा दी गई है।
हाल ही में समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों को निर्देशित किया था कि सभी अपने निजी मोबाइल में “फेशियल अटेंडेंस” एप्प इंस्टॉल करें और उसी से उपस्थिति दर्ज करें। समस्त कार्मिकों की उपस्थिति दिनांक 22.04.2025 में बायोमेट्रिक के माध्यम से ही मान्य होगी, जिसके हेतु साफ्टवेयर डाउनलोड करने हेतु ए0पी0के0 फाइल संलग्न किया था।
मध्यांचल मुख्यालय अंतर्गत समस्त निविदा संविदा/विभागीय कार्मिकों के लिए दैनिक उपस्थिति कड़ाई से लागू कर इसका विभागीय सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन जारी कर दिया गया है इसको डाउनलोड करने के पश्चात सभी विभागीय कर्मियों एवं निविदा संविदा कर्मियों को सैप आईडी/यूएनए के माध्यम से लॉगिन कर लेना है तदोपरांत अपनी प्रतिदिन की उपस्थिति आने और जाने की इसी पर पंच करना करनी अनिवार्य है।
हैरानी का विषय यह है कि यह एप्प एक थर्ड पार्टी द्वारा विकसित किया गया है, जो कि विभागीय रूप से प्रमाणित नहीं है, ऐसे में इसका उपयोग कानूनी रूप से असुरक्षित है और इसका दुरुपयोग होने की पूरी आशंका है। इस ऐप से डाटा प्राइवेसी व सुरक्षा का संकट होने की सम्भावना बनी रहेगी, क्योंकि यह ऐप कर्मचारीयों के मोबाइल की लोकेशन, कैमरा, गैलरी, माइक्रोफोन जैसी अनुमतियाँ मांगता है। हांलाकि प्रबंधन द्वारा बिना पूर्व चर्चा, आदेश लागू करना गलत होगा, क्योंकि यह व्यवस्था बिना किसी आधिकारिक सूचना, दिशा-निर्देश या प्रशिक्षण के लागू की जा रही है।
इस सन्दर्भ में वाणिज्य निदेशक योगेश कुमार ने बताया कि इस एप्प से मोबाइल फोन के कार्य स्थल की रेंज में होने पर ही हाजिरी लगेगी। उपस्थिति दर्ज करने के लिए कर्मचारी-अधिकारियों को कार्यस्थल की रेंज में बने रहना होगा। ड्यूटी स्थल से दूर होने पर हाजिरी दर्ज नहीं होगी। नई व्यवस्था के बाद बिना बायोमैट्रिक हाजिरी के वेतन नहीं मिलेगा। कुल मिलाकर ड्यूटी से गायब रहने वाले विभागीय अधिकारी-कर्मचारियों की मुश्किलें अब बढ़ गई हैं। नई व्यवस्था से ड्यूटी से गायब रहने वाले कर्मचारियों पर लगाम लगेगी।