लखनऊ। ट्रांसफार्मर का लोड बढ़ाने के लिए 50000 रुपये प्रति व्यक्ति दर से रिश्वत मांगने के मामले के प्रकरण में सुगांमऊ अवर अभियन्ता सौरभ कुशवाहा द्वारा कुकरैल विहार में ट्रांसफार्मर का लोड बढ़ाने के नाम पर 50000 रुपये प्रति व्यक्ति दर से रिश्वत मांगने के आरोप लगाता एक पत्र मघ्यांचल मुख्यालय में चर्चा का विषय बना हुआ है।
सुगामऊ पावर हाउस, लखनऊ अन्तगर्त कुकरैल विहार के कुछ निवासीयों ने प्रार्थना पत्र देकर ट्रांसफार्मर का लोड बढ़ाने के दौरान, बिजली विभाग के कुछ कर्मचारियों/इंजीनियरों द्वारा 50000 रुपये प्रति व्यक्ति दर से रिश्वत मांगने के प्रकरण से सम्पूर्ण मध्यांचल में तुफान सा आ गया है।
प्रबन्ध निदेशक – मध्यांचल विधुत वितरण निगम को लिखे गये पत्र के अनुसार कुकरैल विहार के कुछ निवासी ट्रांसफार्मर का लोड बढ़ाने के प्रार्थना पत्र लेकर पहली बार जून 2024 में अवर अभियन्ता सुगामऊ सौरभ कुशवाहा से संपर्क किया। इस दौरान अवर अभियन्ता सुगामऊ सौरभ कुशवाहा प्रार्थना पत्र लेकर गये निवासीगण से स्पष्ट रूप से कहा कि बिना अलग से पैसा दिए काम नहीं हो पाएगा, आप सभी व्यवस्था करके दीजिए। इसके उपरान्त अवर अभियन्ता सुगामऊ सौरभ कुशवाहा द्वारा अपने कर्मचारियों के माध्यम से रिश्वत की मांग लगातार कर रहे थे। रिश्वत की मांग को लेकर एक ऑडियों भी प्रबन्ध निदेशक कार्यालय को उपलब्ध कराया गया है। अवर अभियन्ता सुगामऊ सौरभ कुशवाहा द्वारा अपने कर्मचारियों के माध्यम से इस प्रकार की रिश्वत की मांग करना न केवल गैरकानूनी है, बल्कि यह विभाग की साख को भी प्रभावित करती है।
कुकरैल विहार के कुछ निवासीगणों ने प्रबन्ध निदेशक – मध्यांचल विधुत वितरण निगम को पत्र लिखकर सम्पूर्ण प्रकरण की मामले की गहन जांच कराने व इस भष्ट्राचार में शामिल लोगों के विरुद्ध कार्यवाही करने की मांग की है।
हांलाकि इस प्रकार की कारवाई की भनक लगते ही अवर अभियन्ता सुगामऊ सौरभ कुशवाहा द्वारा ट्रांसफार्मर रखवाने का कार्य कर दिया गया है, लेकिन इससे रिश्वत मांगने सम्बन्धित प्रकरण खत्म नहीं हो सकता।