सहारनपुर। प्रदेश भर में विद्युत विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है, यह बात किसी से छुपी नहीं है। विद्युत विभाग अधिकारी/कर्मचारी कैसे अवैध धन उगाई कर उपभोक्ताओं का आर्थिक शोषण करते हैं यह भी किसी से पोशीदा नहीं। जब यह हाल सम्पूर्ण प्रदेश का है, तो सहारनपुर जिला फिर इसमें पीछे क्यो रहे
भ्रष्टाचार का एक ऐसा ही मामला बीते 12 जुलाई 2024 की शाम देखने को मिला, जहां विद्युत विभाग का कथित छापामार दस्ता के अवर अभियन्ता प्रवीण कुमार की अगुवाई में निर्यात निगम बिजली घर से खजुरतला, आदलगढ़ आदि मोहल्लों में पहुंचा और कुछ विद्युत उपभोक्ताओं के यहां कथित छापामारी की कार्रवाई की ….
इस दौरान रफीक, खालिद मिस्त्री पनवाड़ी आदि उपभोक्ताओं के घरों में कटिया डालकर विद्युत चोरी होती पाई गई, जिस पर अवर अभियन्ता प्रवीण कुमार द्वारा इन उपभोक्ताओं के कनेक्शन काट दिए गए और कार्यवाही करने की बात कही गई। मौके पर अवर अभियन्ता प्रवीण कुमार द्वारा चेकिंग रिपोर्ट भी भारी गई थी। उपभोक्ताओं से कहा गया आपके विरुद्ध विद्युत उपभोक्ता अधिनियम 135ए के अंतर्गत प्राथमिक दर्ज कराई जा रही है।
हालांकि रात होते-होते इस मामले को सेटिंग गैटिंग कर निपटा दिया गया। इस सन्दर्भ में जब इस संबंध में उपखण्ड अधिकारी और अवर अभियन्ता प्रवीण कुमार से जानकारी प्राप्त करनी चाहिए, तो कोई उचित जवाब न मिल सका। उनका एक ही जवाब था विभाग द्वारा कोई चेकिंग नहीं किया गया। कोई बात करनी हो या जानकारी लेनी हो, तो बिजली घर आकर बात करें। विभाग को संज्ञान में लेकर जिन उपभोक्ताओं के यहां छापा मारा गया, उनसे कितना अवैध धन वसूला गया …. इसका खुलासा करना चाहिए…. विद्युत विभाग कर्मियों का भ्रष्टाचार कोई नई बात नहीं, यह सिलसिला लंबे अरसे से चल रहा है।
विद्युत विभाग में इस प्रकार का प्रकरण कोई अपवाद नहीं है, बल्कि यह आम बात है। विद्युत विभाग की बात की जाए तो हमाम में सब नंगे हैं। विभाग पूरी तरह भ्रष्टाचार की आगोश में है, विद्युत विभाग अधिकारी ऐसे ही कथित जांच के नाम पर मोहल्ले में पहुंचते हैं और उपभोक्ताओं का उत्पीड़न करते हैं। विद्युत चोरी पाए जाने के उपरांत सेटिंग गैटिंग कर मामला निपटा दिया जाता है। कार्यरत अधिकारीगण विद्युत विभाग को नुकसान पहुंचा कर स्वयं अवैध तरीके से धन कमा रहे हैं, और अपनी जेबें भरने में लगे हैं, यदा कदा कोई मामला अधिकारीयों के समक्ष आ जाता है, तो जांच के नाम पर स्थान्तरण या कुछ समय के लिए निलबंन कर दिया जाता है।
देखना अब यह है कि क्या विद्युत विभाग के उच्च अधिकारी इस कथित चेकिंग के बाद अंजाम दिए गए भ्रष्टाचार का संज्ञान लेंगे अथवा इस भ्रष्टाचार में सहयोगी बनेगें।