
उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के तमाम कोशिशों के बाइ भी पश्चिमांचल विघुत वितरण निगम अन्तगर्त 14 जिलों में सरकारी विभाग बिजली बिलों का भुगतान नहीं कर रहे हैं, जिसके कारण पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड का सरकारी विभागों पर बकाया बढ़ता जा रहा है. जानकारों की माने तो बकाया 400 करोड़ के आसपास पहुंच चुका है, लेकिन उनके बिजली कनेक्शन आम बकाएदार उपभोक्ताओं की तरह नहीं काटे जा रहे हैं. अब विद्युत नगरीय वितरण खंडों से इन विभागों को नोटिस भेजकर बकाया बिजली बिल जमा करने की आग्रह किया जा रहा है।
अधीक्षण अभियंता शहर राजेंद्र बहादुर ने बताया कि पीवीवीएनएल के प्रबंध निदेशक के निर्देश पर सरकारी विभागों को बकाया बिजली बिल भुगतान के लिए पत्र लिखे गए हैं. कुछ विभागों को बिल भुगतान स्थानीय स्तर पर और कुछ विभागों को बिजली बिल बकाया भुगतान लखनऊ स्थित विभागीय मुख्यालय से कराना है।
जबकि अधिशासी अभियंता द्वितीय विपिन सिंह के अनुसार जिन सरकारी विभागों के बिजली कनेक्शन पर बिल बकाया है, उनके विभागाध्यक्षों को बकाया बिजली बिलों को लेकर पत्र लिखा गया है. विभागों के अधिकारियों मौखित तौर एवं पत्र लिखकर आग्रह किया है वह बकाये का भुगतान सुनिश्चित करें।
विभागों पर बिजली बकाये की स्थिति
- बेसिक शिक्षा अधिकारी (14 कनेक्शन) करीब 42 लाख
- खंड वन विभाग अधिकारी सिविल लाइन (पांच कनेक्शन) करीब 24 लाख
- अर्थ एवं संख्याधिकारी (दो कनेक्शन) करीब 78 लाख
- वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (करीब कनेक्शन) करीब 13 करोड़
- जेल अधीक्षक (चार कनेक्शन) करीब 52 लाख
- एडीएम (14 कनेक्शन) करीब 96 लाख
- अधिशासी अभियंता मध्य गंगा निर्माण खंड (17 कनेक्शन) करीब लाख
- अधिकारियों के न्यायालयों पर बकाया (चार कनेक्शन) करीब 55 लाख
- उप चीनी आयुक्त (चार कनेक्शन) 77 हजार
- एएसपी पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय करीब 68 लाख
- जिला आबकारी अधिकारी करीब 21 लाख
- अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग (13 कनेक्शन) करीब लाख
आम उपभोक्ताओं से तीन गुना है सरकारी विभागों पर बकाया
शहर के अकेले द्वितीय डिवीजन की बात करें आम उपभोक्ताओं पर छह से सात करोड़ के आसपास बिजली बिलों का बकाया है, जबकि इस डिवीजन में सरकारी विभागों में 20 से 21 करोड़ से आसपास बकाया है. पूरे शहर में निगम समेत सरकारी विभागों की बात करें तो करीब 50 करोड़ से आसपास बिजली बिलों का बकाया है।