
सुलतानपुर। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के प्रदेश व्यापी आह्वान पर सोमवार को पार्टी की जिला कमेटी के नेतृत्व में बिजली के निजीकरण के खिलाफ कलेक्ट्रेट में डीएम कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया गया। पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री को सम्बोधित मांग पत्र उपजिलाधिकारी सदर चन्द्र प्रकाश पाठक को सौंपा गया।
माकपा जिला सचिव नरोत्तम शुक्ल ने कहा कि संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर ने रेखांकित किया था कि बिजली एक सामाजिक जरूरत है। इसलिए इसे सार्वजनिक क्षेत्र में ही रखा जाए। कहाकि हमारी सरकारे डीजल सहित दूसरे पेट्रोलियम पदार्थों से अपना नियंत्रण पहले ही हटा चुकी हैं। मिट्टी के तेल की आपूर्ति पहले से ही रोक दी गई है। ऐसे में बिजली का निजीकरण आम बिजली उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली पाने से वंचित कर देगा।
जिला सचिव मंडल सदस्य राधेश्याम वर्मा ने कहा कि सरकार बैंक, रेलवे, दूरसंचार की तरह बिजली को भी पूजीपतियों को सौंपने की तैयारी कर चुकी है। इसका सीधा असर किसानों, मजदूरों सहित आम बिजली उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। जिला सचिव मंडल सदस्य शशांक पांडेय ने कहा कि बिजली का निजीकरण एक धोखा है। सरकार जनता के हितों के नाम पर सार्वजनिक क्षेत्रों को बेचती जा रही है, लेकिन इसके परिणाम बहुत ही भयावह साबित हुए हैं। लोगों के रोजगार छिने है।