
लखनऊ। एक तरफ मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशिका रिया केजरीवाल फेशियल अटेंडेंस एप्लीकेशन के अनिवार्यता को लेकर समाचार पत्रों में इंटरव्यू देने से लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उनके कार्यालय प्रचारित/प्रसारित कराया जा रहा है… वहीं दूसरी तरफ खुद मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशिका रिया केजरीवाल फेशियल अटेंडेंस एप्लीकेशन का उपयोग कर रही हैं यह जानकर आप हैरान हो जाएंगे।
यदि हम 1 अप्रैल 2025 से अनिवार्य किए गए फेशियल अटेंडेंस एप्लीकेशन द्वारा उपस्थिति दर्ज करने की बात, यदि हम करते हैं… तो मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशिका रिया केजरीवाल की उपस्थिति संपूर्ण अप्रैल माह में सिर्फ दो दिन नहीं है… जिसमें 26 अप्रैल को प्रातः 10ः04 पर कार्यालय तो आती है… लेकिन जाने का कोई जिक्र नहीं… ठीक इसी प्रकार 28 अप्रैल को दोपहर 2ः02 बजे कार्यालय तो आती है, लेकिन रिकार्ड की माने तब से अभी तक कार्यालय से वापस आई ही नहीं है…. यह नजारा उस व्यक्तित्व का है… इसके आदेश पर संपूर्ण मध्यांचल डिस्कॉम में फेशियल अटेंडेंस एप्लीकेशन का प्रयोग करने वाले का कर्मचारियों/अधिकारियों कहीं वेतन बनाने का निर्देश दिया गया है… अगर इस उपस्थिति को हम सही माने, तो खुद प्रबंध प्रबंध निदेशिका रिया केजरीवाल को वेतन से वंचित रहना पड़ेगा।
यूपीपीसीएल मीडिया का मानना है कि नियम सभी के लिए बराबर है… फिर चाहे वह एक छोटा सा संविदा कर्मी क्यों ना हो या फिर खुद प्रबंध निदेशिका रिया केजरीवाल ही क्यों ना हो… जब वह खुद नियम का पालन नहीं कर सकती, तो दूसरे से अपेक्षा कैसे कर सकती है?
आईए जानने का प्रयास करते हैं कि मध्यांचल जिसको हम अंतर्गत निर्देशक/ अधिकारी किस प्रकार से फेशियल अटेंडेंस एप्लीकेशन का सदुपयोग करते हैं…..
सबसे पहले हम बात करते हैं कार्मिक प्रबंधन एवं प्रशासन निदेशक विकास चंद्र अग्रवाल का…तो अप्रैल माह में 21 अप्रैल को दोपहर 2ः45 बजे कार्यालय तो आए, लेकिन रिकार्ड की माने तो कार्यालय से निकले ही नहीं क्योंकि उनका आउट पंच ही नहीं हुआ… ठीक इसी प्रकार 23, 24, 26 व 28 को विभिन्न विभिन्न समय पर कार्यालय तो आए लेकिन वापस कब गए इसका कोई जिक्र नहीं सिर्फ एक दिन दिनांक 22 अप्रैल को प्रातः 9ः51 पर कार्यालय आते हैं व रात्रि 7ः05 पर मिनट पर कार्यालय से वापस जाते हैं जबकि 25 अप्रैल को गैर हाजिर दिखाई जा रहा है।
यदि बात करते हैं मनोज बंसल की… 21 तारीख से लेकर 28 तारीख तक विभिन्न विभिन्न समय कार्यालय तो आए हैं लेकिन जाने का कभी कोई उपस्थिति पंच हुआ ही नहीं… यह भी 25 तारीख को गैर हाजिर रहे हैं… यह महाशय 21 अप्रैल को कार्यालय बंद होने के बाद यानि सायंकाल 5ः41 बजे कार्यालय आए हैं।
अब बात करते हैं हम गोमती नगर जोन के मुख्य अभियंता सुशील गर्ग व लेसा सिस गोमती प्रथम के मुख्य अभियंता रजत जुनेजा की… तो मात्र ऐसे जो दिनांक 21 अप्रैल से 28 अप्रैल तक विभिन्न-विभिन्न समय पर कार्यालय जाने एवं आने उपस्थिति पंच किया गया है।
अब बात करते हैं हम इंदिरा नगर, लेसा के अधीक्षण अभियंता श्रीमती प्रेमलता सिंह का… 23 अप्रैल से लेकर 28 अप्रैल तक विभिन्न विभिन्न समय में उपस्थिति पंच किया गया है, जिसमें एक दिन यानी 26 अप्रैल को छोड़कर किसी भी दिन वापसी उपस्थिति पंच नहीं हुई… वहीं दूसरी तरफ ठीक इसके विपरीत उपस्थिति पंच हुई है… यह उपस्थिति पंच एक बाराबंकी जनपद के अन्य अधीक्षण अभियंता श्रीमती राजबाला का है, जो दिनांक 22 अप्रैल से लेकर 28 अप्रैल तक एक दिन को छोड़ दे आने एवं जाने का उपस्थिति पंच हुई है…
इसी तरह हम जल्दी उक्त प्रबंध निर्देशिका सहित अन्य अधिकारियों का उपस्थिति पंच की पुनः समीक्षा करेंगे… साथी अन्य अधिकारियों की भी उपस्थिति पंच विवरण उपलब्ध कराएंगे…
हमारा मानना है कि ऊर्जा क्षेत्र इमरजेंसी एवं आवश्यक सेवाओं के लिए जाना जाता है… जिसमें आने जाने के समय का कोई निर्धारण नहीं होता है… ऐसे में फेशियल अटेंडेंस एप्लीकेशन का प्रयोग सही नहीं माना जा सकता…. जैसे कि मान लीजिए कि कोई संविदा कर्मी अपनी ड्यूटी खत्म कर दिया शाम को फिर कोई फाल्ट आ गई… फिर काम पर वापस आना होगा अब पता चला कि फॉल्ट ऐसा है कि पूरा रात लग गया… ऐसे में उसकी उपस्थिति कैसे दर्ज होगी… इसी तरह 33 के फाल्ट में अवर अभियंता पूरी रात फील्ड में रहा… जबकि वह भी 6ः00 बजे अपनी उपस्थिति आने जाने का पंच कर चुका है… तो उसकी उपस्थिति कैसे दर्ज होगी…. हमारे मुख्य अभियंता साहब ने… अधीक्षण अभियंता और अधिशासी अभियंता शाम को 3ः00 के बाद मीटिंग करना शुरू कर दिया मीटिंग होते-होते रात्रि 10ः00 बज गए… फिर उनकी वापसी कैसे पंच होगी…. जिस विभाग में समय का कोई निर्धारण ना हो वहां पर फेशियल अटेंडेंस एप्लीकेशन का प्रयोग किस काम का… जिसका सर्वप्रथम उदाहरण हमारे द्वारा प्रबंध निर्देशिका रिया केजरीवाल का किया है।