
आम उपभोक्ताओं का 2 किलोवाट के संयोजन पर मासिक बिल लगभग 2000 रूपया के ऊपर आता है, जबकि सरकारी अधिकारी व जजो के बंगले का मासिक बिल मात्र 1412 रुपया आता है…. वह भी फिक्स…. न एक रूपया कम… न एक रूपया ज्यादा … फिर चाहे सरकारी अधिकारी व जजो के बंगले पर हीटर चलाये या फिर ए0सी0 … वाशिंग मशीन, मीटर व रीडिंग का कोई मतलब नहीं …फिर कहते है घाटा हुआ …इसके अतिरिक्त मैनपुरी जिला में सिविल कोर्ट मे अधिवक्ताओं के लिए बना चेम्बरो में कोई विधुत कनेक्शन नहीं है…. यहां तक दुकाने कैटीन इत्यादि हर जगह चोरी ही चोरी….
मैनपुरी। जनपद में साधारण उपभोक्ताओं के यहॉ स्मार्ट मीटर तो लगाये जा रहा है, लेकिन सरकारी अधिकारी व जजो के बंगले पर नहीं लगाए जा रहे है… आखिर क्यों?
हैरानी का बिषय यह है कि आम उपभोक्ताओं का 2 किलोवाट के संयोजन पर मासिक बिल लगभग 2000 रूपया के ऊपर आता है, जबकि सरकारी अधिकारी व जजो के बंगले का मासिक बिल मात्र 1412 रुपया आता है…. वह भी फिक्स…. न एक रूपया कम… न एक रूपया ज्यादा … फिर चाहे सरकारी अधिकारी व जजो के बंगले पर हीटर चलाये या फिर ए0सी0 … वाशिंग मशीन, मीटर व रीडिंग का कोई मतलब नहीं फिर कहते है घाटा हुआ …
इसके अतिरिक्त मैनपुरी जिला में सिविल कोर्ट मे अधिवक्ताओं के लिए बना चेम्बरो में कोई विधुत कनेक्शन नहीं है…. यहां तक दुकाने कैटीन इत्यादि हर जगह चोरी ही चोरी….
उक्त चोरी की जानकारी मुख्य अभियन्ता से लेकर स्थानीय अवर अभियन्ता को… लेकिन भारी पैमाने पर चल रहे इस चोरी प्रकरण मामले में कोई कारवाई नहीं… देखना अब यह है कि खबर प्रकाशन उपरान्त क्या अध्यक्ष पावर कारपोरेशन द्वारा इस चोरी कोई कारवाई होगी अथवा नहीं…ं यह तो भविष्य की बात है।