
लखनऊ। भारत सरकार ने विद्युत उपभोक्ता अधिकार नियम में संशोधन कर दिया है। जिसके तहत अब महानगरों में आवेदन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद तीन दिन के अंदर बिजली का कनेक्शन उपभोक्ता को देना अनिवार्य किया गया है। नगर पालिका क्षेत्र में सात दिन और ग्रामीण क्षेत्रों में कनेक्शन दिए जाने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है। लोगों के घरों पर लगने वाले सोलर संयंत्र के साथ ही बहुमंजिला इमारतों में एकल बिंदु कनेक्शन दिए जाने के नियमों को भी सरल कर दिया गया है।
आयोग को दिया प्रस्ताव
भारत सरकार ऊर्जा मंत्रालय ने इसके लिए उपभोक्ता अधिकार नियम 2020 में संशोधन को मंजूरी दे ही है। संशोधन के बाद बने नये नियमों के तहत नया बिजली कनेक्शन लेने में लगने वाला समय महानगरों में सात दिन से घटाकर तीन दिन, नगर पालिका परिषद में पंद्रह दिन से घटाकर सात दिन और ग्रामीण क्षेत्रों में 30 दिन से घटाकर पंद्रह दिन कर दिया गया है।
फ्लैट में उपभोक्ताओं को विकल्प चुनने का अधिकार
हाउसिंग सोसाइटियों, बहुमंजिली इमारतों, कॉलोनियों आदि में रहने वाले मालिकों के पास अब सभी के लिए व्यक्तिगत कनेक्शन या एकल-बिंदु कनेक्शन चुनने का विकल्प होगा। इस विकल्प का प्रयोग वितरण कंपनी द्वारा किए जाने वाले पारदर्शी मतदान पर आधारित होगा। एकल-बिंदु कनेक्शन के माध्यम से आपूर्ति पाने वाले उपभोक्ताओं और व्यक्तिगत कनेक्शन का लाभ उठाने वाले उपभोक्ताओं से लिए जाने वाले टैरिफ में भी समानता लाई गई है।
अभी तक महानगरों में बिजली कनेक्शन मिलने की समय सीमा 07 दिन थी. ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली कनेक्शन मिलने की समय सीमा 30 दिन थी
इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग के लिए अलग कनेक्शन लेना होगा। यह देश के कार्बन उत्सर्जन को कम करने और 2070 तक नेट जीरो के लक्ष्य को हासिल करने के अनुरूप है।