
लखनऊ। बढ़ती दुघर्टनाओं को देखते हुए अनवरत बिजली आपूर्ति के लिए विद्युत पावर कारपोरेशन ने शटडाउन लेने और देने की प्रक्रिया में बदलाव किया है। अब क्षेत्रीय अवर अभियन्ता या फिर लाइनमैन बिजली काटने और जोड़ने के नाम पर शटडाउन नहीं ले पाएंगे। शटडाउन के लिए क्षेत्र के उपखण्ड अधिकारी, अधिशासी अभियंता और अधीक्षण अभियंताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन ने महानगर और औद्योगिक क्षेत्र में 24 घंटे बिजली आपूर्ति के लिए नियम में बदलाव किए गए हैं। रोस्टर के अनुसार उपभोक्ताओं को बिजली उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए शटडाउन लेने और देने की प्रक्रिया में बदलाव किया गया है। 11 केवी सामान्य पोषक में शटडाउन के लिए संबंधित उपखंड अधिकारी को जिम्मेदारी दी गई है। इसके अलावा 11 केवी औद्योगिक क्षेत्र और स्वतंत्र पोषक के लिए संबंधित क्षेत्र के अधिशासी अभियंता ही शटडाउन ले सकेंगे। वहीं, 33 केवी स्वतंत्र पोषक के लिए अधीक्षण अभियंता ही शटडाउन ले सकेंगे। बता दें कि शटडाउन के दौरान कई बार-बार हादसे हो चुके हैं।
अभी हाल ही में चौरी-चौरा में बिजली पोल शिफ्टिंग के दौरान अचानक फोन पर शटडाउन लिया गया और बिना पूछे ही लाइन शुरू कर दी गई। इस हादसे में पांच बिजली मजदूर घायल हो गए थे। इनमें तीन मजदूरों की स्थिति गंभीर हो गई थी। इसी तरह महानगर के राप्ती नगर में भी शटडाउन के दौरान ही बिजली की सप्लाई शुरू कर दी गई थी। इतना ही नहीं अक्सर अवर अभियन्ता और क्षेत्र के लाइनमैन रुपये कमाने के चक्कर में शटडाउन लेते हैं, जिसकी वजह से क्षेत्र के उपभोक्ताओं को बिजली के लिए घंटों परेशान होना पड़ता है। यही कारण है कि शटडाउन की जिम्मेदारी निगम ने आलाधिकारियों के जिम्मे कर दी है।