
आगरा। दक्षिणांचल विद्धुत वितरण निगम लि. के अधिकारीगण/कर्मचारीगण का अनोखा कारनामा प्रकाश में आया है। एक डेयरी संचालक ने बीमार होने के कारण कार्य करने में असमर्थ होने पर 10 वर्ष पहले बिजली कनेक्शन कटवाकर डीवीवीएनएल से नो ड्यूज प्रमाण पत्र प्राप्त कर ली। लगभग दस साल उपरान्त डीवीवीएनएल की ओर से 45 लाख रुपये का बकाया बिल पूर्व उपभोक्ता को भेज दिया गया है. लाखों का बकाया बिल आने से व्यक्ति डेयरी संचालक के होश उड़ गये, निराश पीड़ित बुजुर्ग ने मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी से इसकी शिकायत की है।
बताते चले कि एत्मादपुर तहसील के गांव जमालनगर भैंस निवासी 75 वर्षीय पौप सिंह डेयरी संचालक हैं. पौप सिंह ने बताया कि, मैंने 10 वर्ष साल पहले डेयरी के लिए व्यावसायिक कनेक्शन लिया था. जो वर्ष 2011-12 तक संचालित रहा. जब मैं बीमार हुआ तो व्यवसाय पुत्रों को दे दिया. इसके साथ ही मैंने अपने नाम से संचालित बिजली कनेक्शन कटवाकर डीवीवीएनएल से नो ड्यूज प्रमाण पत्र भी ले ली थी।
पीड़ित पौप सिंह ने मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी के यहां की शिकायत करते हुए लिखा कि जब बेटों में बंटवारा हुआ तो डेयरी कारोबार छोटे बेटे ब्रजेश के हिस्से में आई, उसने अपने नाम से बिजली का कनेक्शन लिया है. जिसका वो बिल प्रति माह जमा करता है. बीते सोमवार को पता चला कि, बिजली विभाग ने उनके नाम से 45 लाख रुपये की बकाया रिकवरी निकाल दी है।
सवाल यह है कि पीड़ित पौप सिंह काफी समय से दिल्ली के अस्पताल में इलाज चल रहा है. ऐसे स्थिति में 45 लाख रुपये का बकाया बिल की रिकवरी भेजने के उपरान्त यदि पीड़ित पौप सिंह के साथ सदमें से कोई हादसा हो जाये, तो इसका जिम्मेदार कौन होगा।
खबर लिखे जाने तक पीड़ित पौप सिंह ने मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी से शिकायत कर मामले की जांच करने और जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है।