
बलरामपुर। मूसलाधार बारिश व विद्युत लोड में असंतुलन की वजह से जिला बलरामपुर में 14 ग्रामीण क्षेत्रों में 14 ट्रांसफार्मर जलने से बिजली को लेकर हाहाकार मचा है। अवर अभियन्ता इंजीनियर हरिओम प्रसाद की उदासिनता कहिए या फिर लापरवाही आज 14 दिन व्यतीत होने के बाद भी मामला जस की तस है। अबतक कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं किया गया है, जिससे नाराज ग्रामीणों ने शीघ्र वैकल्पिक व्यवस्था कर आपूर्ति बहाल करने की मांग की है, लेकिन नहीं सुन रहे जिम्मेदार।
एक स्थानीय इंजीनियर की पहल पर हरैया सतघटवा पावर हाउस अन्तगर्त कुशमहवा बरदौलिया ग्राम, जहां 25 केवीए ट्रांसफार्मर 14 दिन से खराब है, हेतु वर्कशॉप से ट्रांसफार्मर उपलब्ध कराया गया, लेकिन अवर अभियन्ता द्वारा जल्द ट्रांसफॉर्मर लगाने हेतु गांव वालों से किये जा रहे रूपया 4000/- की डिमांड पूरी न होने के कारण उपरोक्त ट्रांसफॉर्मर नहीं लग सका। इस सन्दर्भ में जब अवर अभियन्ता इंजीनियर हरिओम प्रसाद से जानकारी प्राप्त की, तो इंजीनियर हरिओम प्रसाद ने बताया कि ट्रांसफार्मर वर्कशॉप से गाड़ी खराब होने के कारण नहीं आ सका, हांलाकि अवर अभियन्ता प्रभावित 14 गांव का नाम नहीं गिना सके, इससे लापरवाही का अंदाजा लगाया जा सकता है।
14 दिन से 14 गांव की बिजली गायब होने के बाद भी अवर अभियन्ता ने न तो मुख्यालय स्तर पर अपने उच्च अधिकारीयों को जानकारी दी न ही अपने मुख्य अभियन्ता को।
बलरामपुर जिला में 14 दिन से 14 गांव की बिजली गायब होने की जिम्मेदार ट्रांसफार्मर वर्कशॉप हो अथवा अवर अभियन्ता हो…. इस कारण परेशान तो ग्रामीण ही हो रहे है। 300 से अधिक दुकानदारों और हलारों की संख्या में घरों की बिजली पिछले 14 दिन से गुल है, किसी भी गांव में जला हुआ ट्रांसफार्मर नहीं बदला जा सका है। इससे बिजली निगम के खिलाफ दुकानदारों एवं ग्रामीणों में नाराजगी है। दुकानदारों का कहना है कि कॉमर्शियल बिल का भुगतान दिया जाता है लेकिन, 14 दिन बाद भी जला ट्रांसफार्मर नहीं बदला जा सका, जिससे उमसभरी गर्मी में दुकानों में बैठना मुश्किल हो गया है।