
झाँसी। विभाग में करीब ढाई साल से एक बाबू लिपिक के रूप में कार्य कर रहा था, लेकिन उसका कोई सत्यापन नहीं किया गया। मामले की शिकायत लिपिक के रिश्तेदार अरविन्द्र साहू पुत्र सुन्दरलाल निवासी गोपालगंज मऊरानीपुर जनपद झाँसी द्वारा जब अधिक्षण अभियन्ता विनोद सिंह से की गयी तो एसई ने गहरी नाराजगी जताते हुये अधिशासी अभियंता से सत्यापन कराने के निर्देश दिये। जिस पर नवागान्तुक अधिशासी अभियंता ने सत्यापन के लिये पत्र सम्बन्धित थाने में भेजा है। जिसकी सत्यापन रिपोर्ट फिलहाल आने का इंतजार है।
अधिक्षण अभियन्ता के आदेश पर अब भेजा गया सत्यापन
डिवीजन में कार्यरत कार्यकारी सहायक के रूप में विवेक साहू (काल्पनिक नाम) के लिपिक ने उरई मंडल में बीते 18 मार्च 2019 को ज्वाइन किया था और 6 अप्रैल 2019 तक वहाँ तैनाती रही, इसके बाद उक्त लिपिक 6 अप्रैल 2019 से डिवीजन में कार्यरत है। इस लिहाज से उक्त लिपिक को विभाग में कार्य करते हुए करीब ढाई साल हो गए। वैसे तो नियमानुसार होना तो यह चाहिए था कि ज्वाइन से पहले लिपिक का पुलिस सत्यापन करा लिया जाता। लेकिन अगर नहीं भी हो सका था तो बाद में उसका वैरिफिकेशन करा लिया जाता। लेकिन उक्त लिपिक का सत्यापन फिलहाल अभी तक नहीं हो सका है।
हालांकि अधिक्षण अभियन्ता विनोद सिंह कहते हैं कि उनके पास लिपिक के सत्यापन न होने की शिकायत आयी थी, जिस पर उन्होंने अधिशासी अभियंता प्रथम से पुलिस सत्यापन कराने के आदेश दिये थे। जिसके बाद उक्त लिपिक का सत्यापन भेजा गया है। डिवीजन में चर्चा पर गौर करें तो लिपिक के विरुद्ध मामला दर्ज है। इसलिए लिपिक ने अपना जहाँ पूरा जोर वैरिफि केशन न होने देने में लगा दिया। तो वही मिले मौके को उसने नियम कानून को अलग रखकर बीते समय आयी ओटीएस योजना में नलकूप बिलों में खूब खेल किया। जहां अधिशाषी अभियंता के हस्ताक्षर होने चाहिए थे, वहां उक्त अधिकारी ने बिना अधिशासी अभियंता की जानकारी के खुद हस्ताक्षर करके फील गुड कर लिया। जानकारी पर गौर करें तो कई शिकायतों के बाद एक पत्र अब सत्यापन के लिए भेजा गया है।