आखि़र कब तक संविदा कर्मियों की जान जाती रहेगी, क्या संविदा कर्मियों की जान की कीमत नहीं है बिना सुरक्षा उपकरण के क्यों ड्यूटी ली जाती है। बहुत ही दुःखद घटना। परिवार वालों को उचित मुआवजा दिया जाना चाहिए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
सुल्तानपुर। एक बार फिर बिजली की फाल्ट ठीक करते समय करंट की चपेट में आने से संविदाकर्मी दिलीप उपाध्याय की दर्दनाक मौत हो गई। सबसे अहम सवाल यह मौत है अथवा हत्या?
क्यों न बिना ज़रूरी सुरक्षा उपायों के काम लेने वाले संवेदनहीन व लापरवाह पर्यवेक्षक अफ़सरों के खिलाफ हत्या का मुक़दमा दर्ज कराना चाहिए। पावर कारपोरेशन विभाग 200-400 रुपए की दिहाड़ी पर काम करने वाले इन संविदाकर्मियों की मजबूरी का फायदा उठाते हुए पोल पर काम करने की अनुमति कैसे दे देते है यह भी अपने आप में अहम सवाल है?
संविदाकर्मियों ने पीड़ित परिवार को 20 लाख मुहावजा पीड़ित परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी की मांग कर रहे है।
हम सब जानते है कि मीडिया संविधान का चौथा स्तंभ के रूप में कार्य करती है। इसके साथ ही हमारा मानना है कि पत्रकार एक विपक्ष का का कार्य करती है।
यूपीसीएल मीडिया नामक व्हाट्सप्प ग्रुप की शुरूवात ऊर्जा क्षेत्र के लिए समाचार संकलन का कार्य कर रहे कुछ पत्रकार, जिसमें प्रमुख रूप से अविजित आन्नद, वेद प्रकाश, रवि शर्मा व आकिब शामिल रहे, ने शक्ति भवन, लखनऊ परिसर में किया, उस समय किसी भी प्रकार को यह अंदाजा नहीं था, कि कुछ ही समय में यूपीसीएल मीडिया व्हाट्सप्प गु्रप विभाग में इतना लोक प्रिय हो जायेगा।
यूपीसीएल मीडिया व्हाट्सप्प ग्रुप का विभाग में लोकप्रियता को देखते हुए आज यूपीसीएल मीडिया एक व्हाट्सप्प ग्रुप से एक कदम आगे वढ़ाते हुए समाचार क्षेत्र में भी कार्य करना प्रारम्भ किया। यूपीसीएल मीडिया ऊर्जा क्षेत्र में अपनी जिम्मेदारियों या कर्त्तव्यों को देखते हुए प्रिंट/वेब संस्करण के रूप में कार्य प्रारम्भ की है। यूपीसीएल मीडिया में हम यही करने की कोशिश कर रहे है और बिना आप सभी के सहयोग के यह संभव नहीं है।
अतः मैं गुजारिश करूंगा कि बिजली उपभोक्ता एवं ऊर्जा क्षेत्र के अधिकारीयों के बीच बेहतर सामंजस्य के लिए हमारे साथ शामिल हो। आप सभी को मेरी शुभकामनाएँ !!