
बड़ौत। खुद को बिजली विभाग में ठेकेदार व निगम का कर्मचारी बताकर 150 से अधिक उपभोक्ताओं से बिल जमा करने के नाम पर 80 लाख रुपये की ठगी करने वाले अभी भी पुलिस पकड़ से दूर हैं। उपभोक्ताओं का आरोप है कि निगम के कर्मचारियों की मिलीभगत से पुनः बाहरी तत्व कार्यालय पर सक्रिय हो गए हैं। राजस्व वसूली का लक्ष्य पूरा करने को लेकर निगम के अफसर ने 650 से अधिक ऐसे उपभोक्ताओं की सूची तैयार की थी, जिन्होंने कई बार नोटिस जारी करने के बाद भी बिल जमा नहीं किया था।
जब विभाग ने उक्त उपभोक्ताओं के यहां पर कनेक्शन विच्छेदन का अभियान चलाया तो करीब 150 से अधिक ऐसे उपभोक्ता सामने आए, जिनसे पहले ही राजस्व वसूली के नाम पर कुछ बिजली ठेकेदार व बाहरी तत्व तकरीबन 80 लाख रुपयों की ठगी कर चुके थे। अधिशासी अभियन्ता द्वितीय केपी पुरी ने कनेक्शन विच्छेदन के दौरान जब रंछाड़, जिवाना, रहतना, जिवाना, सिरसली, बड़ौत, बिजरौल के उपभोक्ताओं के कनेक्शन काट दिए तो उपभोक्ताओं ने हंगामा किया।
150 से अधिक उपभोक्ताओं से बिल जमा करने के नाम पर ठगे थे 80 लाख रुपये
उपभोक्ताओं का कहना था कि रहतना, निरपुड़ा, जिवाना, रंछाड़ निवासी कुछ बिजली ठेकेदार व बाहरी तत्व उनसे विभाग में बिल जमा कराने के नाम पर लाखों रुपये वसूल चुके हैं। एक बार बिजली बिल जमा कराने के बाद फिर से बिल जमा क्यों करें। पहले से ही आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। विभाग को ऐसे लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराना चाहिए।
इस बारे में अधिशासी अभियन्ता, द्वितीय बड़ौत केपी पुरी का कहना है कि कनेक्शन विच्छेदन के लिए चलाए गए अभियान में सैकड़ों ऐसे उपभोक्ता सामने आए थे, जिनमें एक बिजली ठेकेदार व कुछ बाहरी तत्वों ने बिजली बिल जमा कराने के नाम पर दो से तीन लाख रुपये तक वसूल रखे हैं। वहीं उक्त धनराशि को विभाग में जमा नहीं कराया गया है। ओटीएस योजना की वजह से इस मामले में कार्रवाई रुकी हुई थी। अब बिजली ठेकेदार व बाहरी तत्वों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।