
नई दिल्ली. सिख श्रद्धालु करतारपुर जाने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. 9 नवंबर को करतारपुर कॉरिडोर (Kartarpur Corridor) का उद्घाटन किया जाना है, लेकिन उससे पहले पाकिस्तान (Pakistan) के कई कदमों ने उसकी मंशाओं के प्रति भारत के दिल में शक पैदा कर दिया है.
सूत्रों ने पाकिस्तान (Pakistan) से जुड़ी कई सारी ऐसी बातों का खुलासा किया है जिससे लगता है कि पाकिस्तान की मंशा पंजाब में अलगाववादी आंदोलन (Separatist Movement) को फिर से हवा देने ही है.
PM इमरान खान नहीं बल्कि पाक आर्मी की ओर से आया था करतारपुर गलियारे का प्रस्ताव
सूत्रों ने यह भी बताया है कि करतारपुर गलियारे (Kartarpur Corridor) का प्रस्ताव पाक आर्मी की तरफ से आया था. यह प्रस्ताव पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की ओर से नहीं आया था और भारतीयों के लिए यह भी एक शक की बात है.
सूत्रों ने यह भी बताया कि पाकिस्तान की मंशा पहले से कुछ और है क्योंकि पाक विदेश मंत्री इसे ‘गुगली’ कहा था. वहीं पाक राष्ट्रपति (Pakistan’s President) ने इसे शतरंज की चाल बताया था. हालांकि फिर भी दोनों देशों के बीच करतारपुर के लिए बातचीत को पुलवामा के आतंकी हमले (Pulwama Terror Attack) और आर्टिकल 370 (Article 370) हटाए जाने के बाद बने माहौल के बावजूद करतारपुर पर बातचीत जारी रही थी.
करतारपुर जाने वाले पहले जत्थे में शामिल होंगे मनमोहन सिंह और अमरिंदर सिंह
बता दें कि करतारपुर पाकिस्तान के लिए भारत की ओर से सिख श्रद्धालुओं का पहला जत्था 9 नवंबर को रवाना होना है. इस जत्थे में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (PM Manmohan Singh) और उनका परिवार भी शामिल होगा. इस जत्थे में ही पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह (CM Amrinder Singh) और उनका परिवार भी शामिल होंगे. भारत ने पाकिस्तान से कहा था कि वह इन नेताओं और उनके परिजनों की सुरक्षा सुनिश्चित करे. इसके बाद पाकिस्तान ने भी इनकी सुरक्षा का भारत को पूरा भरोसा दिलाया था.
लेकिन इस मुद्दे पर तनाव तब बढ़ गया जब करतारपुर पर एक प्रोपेगेंडा वीडियो सामने आया. सूत्रों के मुताबिक इस वीडियो (Video) पर भारत ने पाकिस्तान से अपना विरोध जताया था. साथ ही पाकिस्तान से वीडियो से आपत्तिजनक तस्वीरों को हटाने को भी कहा गया था.
पाकिस्तान की मंशा को लेकर उठाए जा रहे हैं कई सवाल
इसके बाद से ही कई सारे कयास लगाए जा रहे हैं कि दरअसल करतारपुर कॉरिडोर को लेकर पाकिस्तान की मंशा अलग है लेकिन वह भारत के लोगों की धार्मिक भावनाओं को देखते हुए फैसला लेने का दिखावा कर रहा है. हालांकि सूत्रों के मुताबिक भारत इसे लेकर सतर्क है. सूत्रों ने यह भी कहा है कि यहां से पंजाब में घुसपैठ कर फिर से खालिस्तानी आतंक (Khalistan Terror) को फैलाने की भी पाकिस्तान की कोशिश हो सकती है लेकिन भारत सरकार देश की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होने देगी और उन्होंने कहा है कि सरकार इसके लिए जरूरी कदम उठा रही है.
इससे पहले प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) के एक ट्वीट ने भ्रम पैदा कर दिया था. जिसके बारे में सूत्रों ने यह भी बताया है कि पाक पीएम इमरान खान के पासपोर्ट के ट्वीट पर पाक से और जानकारी मांगी गई थी लेकिन अभी तक उनकी ओर से कोई भी जवाब नहीं आया है. हम जवाब के इंतजार में हैं.